Sunday, April 20, 2025

TAG

बाजारी अर्थव्यवस्था

“पंडित कुछ करो। जो कर रहे हो, वह पत्रकारिता नहीं है।”

निर्भयनिर्गुण ,गुणरेगाऊँगा प्रभाष जी आज होते तो चौरासी बरस पूरा कर पिचास्वी में होते (जन्मदिवस: १५ जुलाई, १९३६)। देश की मौजूदा समस्याओं पर उनकी दृष्टि...

Voices

Sant Kumar Sharma
198 POSTS0 COMMENTS
Veeresh Malik
176 POSTS0 COMMENTS