Wednesday, February 12, 2025

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बसंत

होली प्रेम की वह रसधारा है, जिसमें समाज भीगता है।

बसंत दुष्ट है।उसके चाल चलन अच्छे नहीं है।बसंत काम और रति का पुत्र है, सखा भी।यह सभी वर्जनाएं तोड़ने को आतुर रहता है। इस...

शरद: जब कृष्ण भी सोलह हज़ार गोपिकाओं के साथ रास रचाने पर मजबूर होते है।

शरद पूर्णिमा हमने कल रात देखी।शरद की चाँदनी व्यक्ति और प्रकृति में सबसे ज़्यादा उद्दीपन पैदा करती है।समन्दर की उद्दाम लहरें चाँद के आलिंगन...

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Sant Kumar Sharma
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Veeresh Malik
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